3/31/2013

चौथी तिमाही में बैंक, एनबीएफसी ने गंवाए 1.43 लाख करोड़ रुपये


जनवरी-मार्च,13 के दौरान बैंकिंग और एनबीएफसी क्षेत्र की 50 सूचीबद्ध कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण गिरकर रह गया 10,44,400 करोड़ रुपये

बात पते की
चौथी तिमाही में आरबीआई ने नए बैंकिंग लाइसेंस के लिए अपना अंतिम दिशा-निर्देश जारी कर दिया
तीन अग्रणी निजी बैंकों- पर खुले तौर पर मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगे
गोल्ड लोन का कारोबार करने वाली चुनिंदा गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों की राह मुश्किल हुई
चुनिंदा एनबीएफसी ने भी समीक्षाधीन अवधि में नए बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई

किसको कितना नुकसान
85,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगी सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों और एनबीएफसी के बाजार पूंजीकरण में
33,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई निजी क्षेत्र के बैंकों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में समीक्षाधीन अवधि के दौरान
25,000 करोड़ रुपये का झटका लगा निजी क्षेत्र की एनबीएफसी के संयुक्त बाजार पूंजीकरण को चौथी तिमाही में
23,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई अकेले भारतीय स्टेट बैंक के बाजार पूंजीकरण में चौथी तिमाही के दौरान
4,000 करोड़ रुपये का क्षरण हुआ आईडीएफसी के बाजार पूंजीकरण को, इतना ही रिलायंस कैपिटल को भी

बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (एनबीएफसी) के शेयरों के लिए चालू वित्त वर्ष की चौथी और आखिरी तिमाही मुफीद नहीं रही। वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में घरेलू शेयर बाजारों में सूचीबद्ध 50 बैंकों और एनबीएफसी के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में करीब 1.43 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान बैंकों और एनबीएफसी के शेयरों में औसतन 14 फीसदी गिरावट देखने में आई।यह गिरावट पूरे शेयर बाजार में चौथी तिमाही के दौरान दर्ज की गई आठ फीसदी से थोड़ी कम गिरावट के मुकाबले बहुत ज्यादा है। हालांकि चालू वित्त वर्ष को खत्म होने में अभी दो और दिन बाकी हैं। लेकिन सप्ताहांत होने के चलते घरेलू शेयर बाजार अब अगले वित्त वर्ष के पहले दिन ही खुलेंगे, जो अगले सप्ताह सोमवार से शुरू हो रहा है।
करीब 50 सूचीबद्ध बैंकिंग व एनबीएफसी शेयरों के विश्लेषण से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान इनके संयुक्त बाजार पूंजीकरण को कुल 1,43,682 करोड़ रुपये का झटका लगा है। इस झटके के बाद समीक्षाधीन अवधि में इन बैंकों और एनबीएफसी का कुल बाजार पूंजीकरण 10,44,400 करोड़ रुपये रह गया।
विश्लेषण के मुताबिक इसमें सबसे ज्यादा झटका सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बाजार पूंजीकरण को लगा है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान एसबीआई के बाजार पूंजीकरण में 23,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई। विश्लेषण आंकड़ों के मुताबिक बैंकिंग व एनबीएफसी क्षेत्र में बाजार पूंजीकरण में दूसरा सबसे बड़ा झटका निजी कर्जदाता एचडीएफसी बैंक को लगा।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान बैंक के बाजार पूंजीकरण को 13,000 करोड़ रुपये की चपत लगी। इसी तरह आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में समीक्षाधीन अवधि के दौरान 12,000 करोड़ रुपये की कमी आई।इस गिरावट ने कंपनी के शेयरों को तीसरा सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाला शेयर बना दिया।
दिलचस्प तथ्य यह है कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान बैंकिंग व गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर में कुछ बड़े घटनाक्रम देखने में आए। एक तरफ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नए बैंकिंग लाइसेंस के लिए अपना अंतिम दिशा-निर्देश जारी कर दिया।
दूसरी तरफ एक स्टिंग ऑपरेशन में देश के तीन अग्रणी निजी बैंकों- एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा एक्सिस बैंक-पर खुले तौर पर मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगे।
गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर में समीक्षाधीन अवधि के दौरान गोल्ड लोन का कारोबार करने वाली चुनिंदा कंपनियों की राह मुश्किल हुई।इसके साथ ही गैर-बैंकिंग क्षेत्र में सक्रिय चुनिंदा कंपनियों ने भी नए बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई।
सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में समीक्षाधीन अवधि के दौरान 85,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की चपत लगी।
वहीं, निजी क्षेत्र के बैंकों के बाजार पूंजीकरण में 33,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई।समीक्षाधीन अवधि के दौरान निजी क्षेत्र की गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के संयुक्त बाजार पूंजीकरण को चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान 25,000 करोड़ रुपये का झटका लगा।
जहां तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सवाल है, तो एसबीआई के बाद बाजार पूंजीकरण में ज्यादा गिरावट झेलने वालों में बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी/बॉब), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक व आईडीबीआई बैंक के शेयर शामिल थे।
निजी क्षेत्र की गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से सबसे ज्यादा नुकसान आईडीएफसी व रिलायंस कैपिटल के शेयरों को हुआ।इन दोनों में से प्रत्येक के बाजार पूंजीकरण में 4,000-4,000 करोड़ रुपये की गिरावट देखने में आई।
http://business.bhaskar.com/article/BIZ-the-fourth-quarter-nbfcs-lost-rs-1-4221005-NOR.html

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