3/31/2013

यूको बैंक को ब्लैकलिस्ट कर सकती है पश्चिम बंगाल सरकार


पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि अगर राज्य की एक सरकारी कंपनी की 120 करोड़ रुपए की रकम एकाउंट से गलत तरीके से निकाले जाने के मामले में यूको बैंक हर्जाना नहीं देता है तो उसे ब्लैकलिस्ट कर उससे सरकारी बिजनेस वापस लिया जा सकता है। यूको बैंक ने डिपॉजिट सर्टिफिकेट्स को जाली बताते हुए यह मामला सीबीआई के पास भेज दिया है। 
राज्य के फाइनेंस मिनिस्टर अमित मित्रा ने ईटी को बताया कि बैंक के पास पश्चिम बंगाल में हजारों करोड़ रुपए का सरकारी बिजनेस है और अगर यह नुकसान की भरपाई नहीं करता है तो इससे यह बिजनेस छिन सकता है। 
मित्रा का कहना था, 'अगर बैंक हर्जाना नहीं देता है तो हम बैंक को मिलने वाला बिजनेस वापस लेने के बारे में सोच सकते हैं।' 
राज्य सरकार की 100 फीसदी सब्सिडियरी वेस्ट बंगाल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीआईडीएफसी) ने कहा था कि उसने बैंक ऑफ इंडिया से 120 करोड़ रुपए यूको बैंक को ट्रांसफर किए थे और दो अलग ट्रांजैक्शंस में यूको बैंक की कोलकाता में सर्कस एवेन्यू ब्रांच में 3 साल के फिक्स्ड डिपॉजिट खोले थे। 
कॉरपोरेशन ने आरोप लगाया था कि एक लोकल फर्म के खाते में बैंक की ब्रांच से 83 करोड़ रुपए जमा कर दिए गए। इसके बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई और ब्रांच मैनेजर को गिरफ्तार किया गया। बैंक ने अब एकाउंट में बचे 37 करोड़ रुपए फ्रीज कर दिए हैं। 
इसके बाद कॉरपोरेशन ने बैंक को नोटिस भेजकर ब्याज के साथ पैसा वापस करने को कहा था। 
यूको बैंक के सीएमडी अरुण कौल ने बताया, 'डब्ल्यूबीआईडीएफसी का उस ब्रांच में कोई एकाउंट नहीं है और जो डिपॉजिट पेपर दिखाए गए हैं वे जाली हैं। हमने मामला सीबीआई के पास दर्ज करा दिया है।' 
हालांकि, कोलकाता में बैंक के सर्किल हेड सी के मुखर्जी ने इस बात बैंक ऑफ इंडिया से 120 करोड़ रुपए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के जरिए मिलने की पुष्टि की लेकिन उनका कहना था कि जिस एकाउंट नंबर में रकम क्रेडिट की गई वह डब्ल्यूबीआईडीएफसी का नहीं है। 
http://navbharattimes.indiatimes.com/business/share-market/share-news/uco-bank-may-blacklist-west-bengal/articleshow/19265449.cms

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